समाजिक सरोकार की संस्कार है स्त्री। समाजिक सरोकार की संस्कार है स्त्री।
दया, ममता, करूणा ही, स्त्री का हथियार है। दया, ममता, करूणा ही, स्त्री का हथियार है।
वो बूंद ख्वाबों की... रातों में मेरे सपनों को महकाती वो बूंद ख्वाबों की... रातों में मेरे सपनों को महकाती
मोमबत्ती तो जलाकर देती थी प्रकाश मोमबत्ती तो जलाकर देती थी प्रकाश
हम तुम मिले क्षितिज के उस पार जहां प्रेम का ही हो प्रकाश और प्रेम से ही आए हर एक सांस हम तुम मिले क्षितिज के उस पार जहां प्रेम का ही हो प्रकाश और प्रेम से ही आए...
प्रेम का कर व्यापार फैल रहा नित ब्यभिचार, तत्व को जाने बिना ये दो पल के वासना में प्रेम का कर व्यापार फैल रहा नित ब्यभिचार, तत्व को जाने बिना ये दो पल क...